क्या है ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी-20) संगठन? G-20

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- जी-20 की शुरुआत 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के पश्चात वित्तमंत्रियों तथा केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक से हुई थी।
- इसकी स्थापना प्रमुख आर्थिक एवं वित्तीय नीतिगत मुद्दों पर अधिक विस्तृत चर्चा तथा सभी के फायदे के लिए स्थिर एवं संधारणीय वैश्विक आर्थिक विकास प्राप्त करने हेतु सहयोग सुनिश्चित करने के लिए हुई थी।
- ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी-20) वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व की प्रमुख विकसित तथा उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एकसाथ लाने का मंच है। जी-20 के नेता वर्ष में एक बार तथा जी-20 के वित्तमंत्री तथा केंद्रीय बैंकों के गवर्नर्स वर्ष में कई बार बैठकें करते हैं
=>सदस्य देश :-
- यह संगठन कितना महत्वपूर्ण है यह बात इसी से साफ़ हो जाती है कि इसके सदस्यों में दुनिया के कई प्रमुख देश हैं:-
- इसमें अफ्रीका महाद्वीप से दक्षिण अफ्रीका शामिल है तो उत्तरी अमेरिका की ओर से कनाडा, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका की ओर से इसमें अर्जेंटीना और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं।
- पूर्व एशिया की ओर से इसमें 3 देश शामिल हैं जिनमें चीन, जापान और दक्षिण कोरिया हैं।
- दक्षिण एशिया से भारत इसका प्रतिनिधित्व करता है। पूर्व एशिया की ओर से इंडोनेशिया और मध्य-पूर्व एशिया की ओर से इसमें सऊदी अरब शामिल है।
- यू‍रेशिया की ओर से रूस और तुर्की तथा यूरोप की ओर से यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली और संयुक्त राजशाही शामिल हैं। ओशनिया की ओर से इसमें ऑस्ट्रेलिया शामिल होता है।
- ये देश विश्व के आर्थिक उत्पादन के 85% का और जनसंख्या के 65 % का प्रतिनिधित्व करते हैं.
=>जी-20 के कार्य :-
- जी-20 कार्यसूची में वैश्विक अर्थव्यवस्था का सशक्तीकरण, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार लाना और व्यापक आर्थिक सुधारों की निगरानी करना शामिल हैं। यह नई नौकरियों और खुले व्यापार सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास पर भी ध्यान दे रहा है।
- इस संगठन की कार्यसूची को अंजाम देने के लिए वरिष्ठ अधिकारी तथा कार्य समूह विशिष्ट मुद्दों की नीतिगत प्रगति के समन्वयन एवं प्रगति पर निगाह रखते हैं ताकि वह नेताओं तथा वित्त मंत्रियों के विचार-विमर्श हेतु तैयार हो।
- जी-20 कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों, जैसे वित्तीय स्थिरता बोर्ड, अंतरराष्ट्रीय मजदूर संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व बैंक तथा विश्व व्यापार संगठन आदि से नीति-विश्लेषण तथा सलाह लेता है। इन संगठनों के प्रतिनिधि जी-20 की प्रमुख बैठकों में आमंत्रित किए जाते हैं।
=>स्थायी सचिवालय:-
- वस्तुतः इस समय दुनिया की आर्थिक परिघटनाओं, खासतौर से वैश्विक मंदी के मद्दे-नजर यह सबसे प्रभावशाली संगठन है। इस संगठन का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है, पर अब प्रयास किया जा रहा है कि स्थायी सचिवालय बने।
- इसकी अध्यक्षता हर साल बदलती है। इस समय ऑस्ट्रेलिया के पास है। इस साल इसका शिखर सम्मेलन तुर्की में होगा। अध्यक्षता भी तुर्की के पास होगी।
- मजबूत, संधारणीय एवं संतुलित वृद्धि तथा सभी के लिए एक सशक्त एवं लचीली अर्थव्यवस्था के जी-20 के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए विकास का सशक्तीकरण अत्यंत महत्व रखता है और जी-20 की कार्यसूची के सभी क्षेत्रों में यह प्रमुखता से शामिल है।

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