कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय : 2015 में मुख्‍य उपलब्धियां एवं सफलता की गाथाएं



वर्षांत समीक्षा


कुशल भारत क्‍यों ?
स्किल इंडिया का लक्ष्‍य सभी भारतीयों को उनके खुद के लिए एवं उनके परिवारों के लिए एक बेहतर भविष्‍य की अपेक्षा करने एवं उसे अर्जित करने का अवसर प्रदान करना है। जनसांख्यिकीय, आर्थिक एवं सामाजिक कारकों का एक समिश्रण कौशल विकास को भारत के लिए एक तात्‍कालिक नीति प्राथमिकता बनाता है।
इस क्षेत्र की चुनौतियां बेशुमार हैं। भारत की आबादी का 54 फीसदी 25 वर्ष की उम्र से कम आयु का है और आबादी के 62 प्रतिशत से अधिक लोग कामकाजी आयु समूह के हैं। फिर भी, भारत की आबादी के केवल 4.69 प्रतिशत लोगों ने औपचारिक कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्‍त किया है। वर्ष 2025 तक विश्‍व की कामकाजी आबादी (18.3 प्रतिशत) के 5 में से 1 भारतीय होंगे। हाल की कौशल अंतराल रिपोर्ट प्रदर्शित करती है कि 2022 तक केवल भारत में ही सभी प्रमुख 24 क्षेत्रों में 109 से अधिक मिलियन वृद्ध‍िशील मानव संसाधनों की आवश्‍यकता होगी। भारत के 93 प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, अनौपचारिक माध्‍यमों से कुशलता प्राप्‍त करते हैं और उनके पास औपचारिक प्रमाणपत्र का अभाव होता है। भारत की कौशल प्रशिक्षण प्रणाली किस प्रकार इन विविध चुनौतियों का सामना करने के लिए सुसज्जित होगी?
भारत के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता के पहले विभाग की स्‍थापना जुलाई 2014 में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के तहत की गई थी ताकि उपरोक्‍त चुनौतियों पर विशिष्‍ट तरीके से ध्‍यान दिया जा सके। नवंबर 2014 में यह विभाग एक पूर्णकालिक कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) बन गया जब श्री राजीव प्रताप रूडी को मंत्री परिष्‍द में शामिल किया गया। एमएसडीई का मुख्‍य फोकस गुणवत्‍तापूर्ण परिणाम सुनिश्चित करते हुए भारत में कौशल विकास प्रयासों को तेज गति से तथा बडे पैमाने पर आगे बढाने के लिए एक मजबूत नीति संरचना तथा कार्य योजना के विकास पर है। देश में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता की प्रणाली के लिए एक मजबूत बुनियाद डालने के लिए एमएसडीई द्वारा पिछले 9 महीनों के दौरान उठाए गए प्रमुख कदम निम्‍नलिखित हैं:1 एक स्‍पष्‍ट नीति संरचना की स्‍थापना करना : नीति, मिशन, सामान्‍य नियम
एमएसडीई ने अपने अस्तित्‍व के पहले कुछ महीनों के दौरान तीन प्रमुख नीतिगत पहलें की हैं।
·         राष्‍ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता नीति 2015 का जुलाई 2015 में अनावरण किया गया। नीति में गुणवत्‍तापूर्ण परिणाम सुनिश्चित करते हुए तेज गति से तथा बडे पैमाने पर एक संरचना की बात की गई है। नीति क्रियान्‍वयन इकाई (पीआईयू) का गठन किया गया है एवं नीति के प्रमुख तत्‍वों की त्रैमासिक निगरानी की प्रणाली की स्‍थापना की गई है।
·         राष्‍ट्रीय कौशल विकास मिशन को जुलाई 2015 में मंजूरी दी गई। इस मिशन का लक्ष्‍य देशव्‍यापी स्‍तर पर कौशल विकास की गतिविधयों के समन्‍वय, संयोजन, क्रियान्‍वयन एवं निगरानी करना है। शासी परिषद, संचालन समिति एवं कार्यकारी समिति अधिसूचित हो चुकी है। उप अभियान एवं राज्‍य कौशल अभियानों के साथ अंतरापृष्‍ठ मार्च 2016 तक संचालनगत हो जाएंगे।
·         सभी केंद्रीय मंत्रालयों/ विभागों में कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए सामान्‍य नियमों को अधिसूचित कर दिया गया है। सामान्‍य नियमों को लागू करने के लिए बैठकें एवं सलाह मशविरे आयोजित किए गए। पूर्ण एकत्रीकरण 1.4.2016 तक कर लिया जाएगा।
अब भारत के पास देश भर में कौशल विकास कदमों को आगे बढाने के लिए एक मजबूत नीतिगत संरचना है। नीति संरचना को निर्दिष्‍ट करने के बाद एमएसडीई एक समन्वित कार्ययोजना विकसित करने पर भी काम कर रहा है।

II कार्ययोजना विकसित करना : प्रमुख उपलब्धियां

·         प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) एमएसडीई की प्रमुख परिणाम आधारित कौशल प्रशिक्षण योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री द्वारा 15 जुलाई 2015 को की गई। योजना के प्रायोगिक चरण की शुरूआत 25 मई 2015 को की गई। पीएमकेवीवाई का उद्वेश्‍य ऐसे प्रत्‍येक युवक को जिसने एक संबद्ध प्रशिक्षण प्रदाता के साथ एक मंजूरी प्राप्‍त कौशल विकास प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, को मौद्रिक पुरस्‍कार प्रदान करने के जरिये युवाओं को कौश्‍ल विकास कदमों में नामांकन के लिए प्रोत्‍साहित करना है। पीएमकेवीवाई का वित्‍तपोषण भारत सरकार द्वारा किया जाता है तथा क्रियान्‍वयन राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के जरिये किया जाता है। पीएमकेवीवाई के तहत अगले एक वर्ष में देश भर में 24 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा जिसमें से 14 लाख प्रशिक्षु नए प्रतिभागी होंगे। 10 लाख युवाओं को अगले वर्ष आरपीएल (रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग) के तहत प्रशिक्षित किया जाएग।

·         पीएमकेवीवाई के तहत उपलब्धियां : नए प्रशिक्षण के लिए 5.17 लाख का नामांकन एवं शेष लक्ष्‍य निर्धारित: आरपीएल में प्रायोगिक संपन्‍न एवं 5 लाख का लक्ष्‍य आवंटित। 14 लाख्‍के नए प्रशिक्षण एवं 10 लाख आरपीएल का लक्ष्‍य मार्च 2016 तक अर्जित कर लिया जाएगा।

·         औद्योगिक प्रशिक्षण संस्‍थान (आईटीआई) जो पहले श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत थे, इस वर्ष अप्रैल में एमएसडीई को हस्‍तांतरित कर दिए गए। इन संगठनों में नई जान फूंकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्‍त, चरम वामपंथ प्रभावित (एलडब्‍ल्‍यूई) जिलों में 34 आईटीआई एवं 68 कौशल विकास केंद्रों की भी रूथापना की जा रही है।
उपलब्धियां : एक वर्ष के दौरान 1.73 लाख सीटों के साथ 1141 नए आईटीआई जोडे गए। अब 126 ट्रेडों में 18.7 लाख सीटों के साथ कुल 13,105 आईटीआई हैं।
·         प्रशिक्षुता : नियोक्‍ताओं को अधिक प्रशिक्षुओं को लेने के लिए प्रोत्‍साहित करने के लिए 2014 में प्रशिक्षुता अधिनियम में संशोधन किया गया। 18 जून 2015 में अधिसूचित नए प्रशिक्षु नियम प्रशिक्षुओं की संख्‍या में चार गुना बढोतरी करने में सक्षम हैं। उद्योग के बीच प्रतिपालन अभियान प्रारंभ किया गया है और ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया है। इस वर्ष नामांकन में पहले से ही तेजी देखी जा रही है।
·         रणनीतिक साझीदारी : एमएसडीई एवं केंद्र सरकार में अन्‍य मंत्रालयों/विभागों के बीच विशिष्‍ट क्षेत्रों में कौशल विकास गतिविधियों को आगे बढाने के लिए गठबंधन करने के लिए रणनीतिक साझीदारियां भी की गई हैं। एमएसडीई की अब सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, इस्‍पात, खनन, रेलवे, प्रतिरक्षा एवं रसायन तथा उर्वरक समेत विभिन्‍न मंत्रालयों एवं विभागों के साथ रणनीतिक साझीदारी है। इन मंत्रालयों के भीतर एवं संबंधित ठेकेदारों को एनएसक्‍यूएफ से संबद्ध रोजगार भूमिकाओं में प्रमाणित श्रमिकों को मजदूरी पर रखने, कौशल प्रशिक्षण उद्देश्‍यों के लिए सीएसआर कोष का उपयोग करने तथा इन रणनीतिक साझीदारियों के जरिये डीजीटी या एनएसडीसी के साथ गठबंधन में उत्‍कृष्‍टता केंद्रों की स्‍थापना करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा।
·         विदेशों में रोजगार : विदेशों में रोजगार अवसरों पर अध्‍ययन रिपोर्ट प्राप्‍त हुई और कार्य योजना विकसित की जा रही है। प्रवासियों के विदाई-पूर्व सह अनुकूलन कार्यक्रम के लिए प्रवासी कौशल विकास योजना शुरू करने के लिए प्रवासी भारतीय मामले मंत्रालय के साथ एमओयू को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
·         राष्‍ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की स्‍थापना 2010 में कौशल विकास के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को उत्‍प्रेरित करने के लिए की गई है। पिछले एक वर्ष के दौरान एनएसडीसी साझीदारों ने 24.93 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी मान्‍यता प्राप्‍त प्रशिक्षण प्रदाता से प्राप्‍त किया गया प्रशिक्षण उद्वोग के अनुकूल है, एनएसडीसी उद्वोगों से जुडी क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) का वित्‍तपोषण कर रहा है जो नेशनल ऑक्‍यूपेशन मानकों (एनओएस) का सृजन करते हैं।
·         कौशल अंतराल अध्‍ययन : 26 क्षेत्रों के लिए संपन्‍न, सभी राज्‍यों के लिए जिला-वार अध्‍ययन संपन्‍न
·         उडान : जम्‍मू कश्‍मीर के युवकों (स्‍नातक) के लिए विशेष उद्योग पहल में पांच वर्षों के में 40,000 युवक शामिल किए जाएंगे। एनएसडीसी द्वारा क्रियान्वित इस योजना का वित्‍त पोषण गृह मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
·         राष्‍ट्रीय कौशल विकास एजेंसी (एनएसडीए) : यह मंत्रालय का एक भाग है और मानदंड संबंधी निकाय के रूप में भी एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका फोकस यह सुनिश्चित करने पर है कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्‍ट्रीय कौशल योग्‍यता संरचना (एनएसक्‍यूएफ) से जुडे हैं और गुणवत्‍ता आश्‍वासन तंत्र संचालनगत हैं।
·         उद्यमशीलता : निस्‍बद ने पहले ही सीडी आधारित उद्यमशीलता कार्यक्रम (ईडीपी) के तहत 1,98,000 प्रशिक्षुओं को शामिल किया है।
·         अंतरराष्‍ट्रीय गठबंधन: एमएसडीई ने जर्मनी, ब्रिटेन, चीन एवं आस्‍ट्रेलिया के साथ प्रशिक्षण, समर्थन, प्रशिक्ष्‍ुाओं के प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास को आगे बढाने के लिए तथा देश भर में कौशल प्रशिक्षण में उत्‍कृष्‍टता केंद्रों की स्‍थापना के लिए एमओयू पर हस्‍ताक्षर किया है।
सफलता की कहानियां
विश्‍व कौशल : एनएसडीसी 2010 से ही विश्‍व कौशल प्रतिस्‍पर्धाओं में भारत की भागीदारी का नेतृत्‍व करता रहा है। भारत ने 27 कौशलों में देश भर से चुने हुए 29 प्रतिभागियों के साथ हिस्‍सा लिया। 44वां डब्‍ल्‍यूएससी प्रतियोगिताएं यूएई के आबुधाबी में 14 से 19 अक्‍टूबर , 2017 में आयोजित होंगी।

कौशल विकास के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर करने वाले केंद्रीय मंत्रालय/ विभाग

1.      निशक्‍तजन अधिकारिता विभाग
2.      रक्षा मंत्रालय
3.      रेल मंत्रालय
4.      स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
5.      उर्वरक विभाग
6. रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग7. फार्मास्‍यूटिकल विभाग
8. इस्‍पात मंत्रालय
9. खनन मंत्रालय
10. कोल इंडिया (कोयला मंत्रालय)11. एनटीपीसी, पावरग्रिड (बिजली मंत्रालय)
12. भारी उद्वोग विभाग13. प्रवासी भारतीय मामले मंत्रालय (एमओयू को अंतिम रूप दिया जा चुका) 14. भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण (एमओयू को अंतिम रूप दिया जा चुका)

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