- :उद्देश्य :-
०-० आतंकवाद की समस्या से निपटने और अफगानिस्तान में स्थायित्व लाने के लिए निकट आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने की सदस्य देशों की प्रतिबद्धता के साथ पांचवा ‘‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद में हुआ।
०-० आतंकवाद की समस्या से निपटने और अफगानिस्तान में स्थायित्व लाने के लिए निकट आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने की सदस्य देशों की प्रतिबद्धता के साथ पांचवा ‘‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद में हुआ।
०-० अफगानिस्तान पर आयोजित इस दो दिवसीय बहुपक्षीय सम्मेलन में 14 सदस्य देशों, 17 सहयोगी राष्ट्रों के मंत्री तथा 12 संगटनों के पदाधिकारी शामिल हुए। भारत का प्रतिनिधित्व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने किया।
=>"इस्लामाबाद घोषणापत्र :-
१. इस सम्मेलन में इस्लामाबाद घोषणापत्र को स्वीकृति दी गई जिसमें सभी अफगान तालिबान समूहों से बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने का आह्वान किया गया है।
१. इस सम्मेलन में इस्लामाबाद घोषणापत्र को स्वीकृति दी गई जिसमें सभी अफगान तालिबान समूहों से बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने का आह्वान किया गया है।
२. सम्मेलन को बड़ी सफलता मिली है क्योंकि इसमें भाग लेने वालों ने अफगानिस्तान को स्थायित्व प्रदान करने के लिए निकट सहयोग पर सहमति जताई है।
३. प्रमुख बिंदुओं को साझा किया जिनमें भागीदारी करने वाले प्रतिनिधियों ने एक दूसरे की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, एकता और राजनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान करने तथा एक दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने के सिद्धांतों का अनुसरण करने पर जोर दिया गया है।
४. फैसला हुआ है कि अफगानिस्तान एवं इस क्षेत्र के लिए आतंकवाद बड़ा खतरा है और इस समस्या से निपटने के लिए साझा प्रयास की जरूरत है।‘‘
५. हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन के घोषणापत्र में कहा गया है, हम इसे स्वीकारते हैं कि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति के लिए निरंतर तथा गंभीर खतरा बने हुए हैं।
६. इस बात को दोहराया गया कि आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद तथा इनमें आपस के जुड़ाव से कई देशों , क्षेत्रों एवं इसके बाहर के लिए भी गंभीर चुनौती पैदा हुई है जिसका ठोस प्रयास के जरिए हल किया जाना जरूरी है।
७. सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों ने व्यावहारिक कदम उठाने तथा आतंकवाद की समस्या और सभी आतंकी संगठनों खासकर अलकायदा, आईएस एवं उनसे जुड़े संगठनों का मुकाबला करने एवं उनका खात्मा करने के लिए जरूरी कदम उठाने पर भी सहमति जताई।
८. आतंकियों की वित्तीय एवं साजोसामान के संसाधनों तक पहुंच रोकने, उनकी शरणस्थलियों एवं प्रशिक्षण स्थलों को तबाह करने तथा नए आतंकियों की भर्ती एवं प्रशिक्षण की क्षमता पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कार्रवाई करने का भी फैसला किया है।
९. सदस्य देशों ने शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए संघर्षों का समाधान करने पर सहमति जताई तथा ‘‘अफगानिस्तान के स्वामित्व वाली तथा अफगान नीत शांति एवं सुलह के कदमों’ का समर्थन किया।
१०.भाग लेने वाले देशों ने अगले साल ‘‘हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रक्रिया’ के सम्मेलन के आयोजन की भारत द्वारा इच्छा जताने का स्वागत किया।
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