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प्रश्न:- तापी पाइपलाइन परियोजना पर प्रकाश डालते हुए, भारतीय ऊर्जा सुरक्षा के सन्दर्भ के साथ-साथ दक्षिण-मध्य एशिया के एकीकरण और स्थायित्व में इस परियोजना के महत्व पर विचार प्रकट कीजियेI
प्रश्न:- तापी पाइपलाइन परियोजना पर प्रकाश डालते हुए, भारतीय ऊर्जा सुरक्षा के सन्दर्भ के साथ-साथ दक्षिण-मध्य एशिया के एकीकरण और स्थायित्व में इस परियोजना के महत्व पर विचार प्रकट कीजियेI
०-० तापी पाइपलाइन परियोजना तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होकर गैस पाइपलाइन भारत तक आनी है
०-० तापी के जरिए तुर्कमेनिस्तान के गलकीनाइश क्षेत्र से गैस कांधार (अफगानिस्तान) व मुल्तान (पाकिस्तान) होते हुए फाजिल्का (भारत) पहुंचेगी। इसके माध्यम से सभी देशों बिजली संयत्रों को गैस की आपूर्ति होगीI
०-० लम्बाई:- 1800 किलोमीटर.
•०-० मार्ग : गलकी नाइश (तुर्कमेनिस्तान) कंधार (अफगानिस्तान) मुलतान (पाकिस्तान) और फाजिल्का (भारत)
•०-० मार्ग : गलकी नाइश (तुर्कमेनिस्तान) कंधार (अफगानिस्तान) मुलतान (पाकिस्तान) और फाजिल्का (भारत)
• अनुमानित लागत : 7.6 अरब डॉलर
• शिलान्यास : 13 दिसम्बर 2015,
• आपूर्ति शुरू होगी : दिसम्बर 2019 तक
• शिलान्यास : 13 दिसम्बर 2015,
• आपूर्ति शुरू होगी : दिसम्बर 2019 तक
=>विस्तार से :-
- तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (तापी) गैस पाइपलाइन परियोजना पर 7.6 अरब डालर का खर्च आने का अनुमान है। इस पाइपलाइन के जरिए भारत में बिजली संयंत्रों को गैस की आपूर्ति की जाएगी।
- प्रस्तावित 1800 किलोमीटर लंबी तापी गैस पाइपलाइना दिसम्बर 2019 तक चालू हो जाएगी। (
- तापी परियोजना, मध्य एशिया को ऊर्जा की कमी से जूझ रहे दक्षिण एशिया से जोड़ने वाली इस तरह की और परियोजनाओं के लिए रास्ता खोलेगा।
- इस पाइपलाइन के जरिये पूर्व सोवियत संघ के इस राज्य से गैस की कमी वाले भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान को गैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके जरिये दैनिक नौ करोड घनमीटर गैस की आपूर्ति 30 साल तक की जायेगी।
- तापी गैस पाइपलाइन परियोजना से क्षेत्रीय सहयोग में बढ़ावा मिलेगा, देश निकट आयेगेI भारत-पाक रिश्ते को नया आयाम मिलेगाI
• एक और फायदा : पाइपलाइन के साथ-साथ चारों देश फाइबर आप्टिक केबल से जुड़ेंगे। तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान विद्युत पारेषण लाइन से भी जुडेंगे
- इसके अलावा एक बिजली पारेषण लाइन भी तुर्कमेनिस्तान,अफगानिस्तान व पाकिस्तान को जोड़ेगी।
=>इसे भी जानिए :- "शांति का पाइपलाइन" IPI**
०-० इसके पहले ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत तक आने वाली गैस पाइपलाइन को काफी प्रोत्साहन दिया गया था। इसे दोनों देशों ने ‘शांति का पाइपलाइन’ नाम भी दिया था। बाद में अमेरिकी दबाव में भारत व पाकिस्तान ने इससे किनारा कर लिया था।
०-० इसके पहले ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत तक आने वाली गैस पाइपलाइन को काफी प्रोत्साहन दिया गया था। इसे दोनों देशों ने ‘शांति का पाइपलाइन’ नाम भी दिया था। बाद में अमेरिकी दबाव में भारत व पाकिस्तान ने इससे किनारा कर लिया था।
- इससे भारत को गैस मिलती जबकि पाकिस्तान को अहम विदेशी मुद्रा। इस वजह से कई लोग मानते हैं कि दोनों देश जब एक दूसरे की जरूरत पर निर्भर होंगे तो आपसी रिश्तो को ठेस पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
- बहरहाल, यह सिद्धांत तापी परियोजना के लिए भी लागू होती है। हकीकत में इस परियोजना का एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मुल्तान जैसे आतंक प्रभावित इलाकों से गुजरेगा।
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