Rural Development** Scheme** ( विश्लेषण )


=>"रर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) : अब 'स्मार्ट' गांव की ओर"
- ग्रामीण इलाकों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध करने का एक खाका पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने सामने रखा था। उन्होंने उसे 'प्रोवाइडिंग अर्बन एमिनिटीज इन रूरल एरियाज" (पुरा) नाम दिया था।
- राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव के कारण वह सपना तब पूरा नहीं हो सका। लेकिन अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी रर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) की शुरुआत के साथ उसके उद्देश्यों के हासिल होने की वास्तविक संभावना पैदा हुई है।
-इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास है। इसके तहत अनेक गांवों को एक समूह में लेकर वहां विकास की मौजूद संभावनाओं को फलीभूत करने की कोशिश की जाएगी। ऐसे विभिन्न् ग्राम-समूह सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में विकसित किए जाएंगे। इन्हें रर्बन समूह कहा जाएगा।
- जैसा नाम से जाहिर है, कोशिश गांवों को शहरों जैसा रूप देने की है। फिलहाल, लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 300 रर्बन समूहों के विकास का है।
- इन ग्राम-समूहों में आर्थिक गतिविधियों को इस रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे वहां के लोगों में कार्यकुशलता आए और स्थानीय उद्यम को बढ़ावा मिले। इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा निर्मित किया जाएगा।
- योजना ठीक से आगे बढ़ी तो सैकड़ों स्मार्ट गांव अस्तित्व में आ जाएंगे। साथ-साथ स्मार्ट सिटी परियोजना भी आगे बढ़ेगी। दोनों में तालमेल बना तो आर्थिक, सामाजिक व तकनीकी विकास की एक सर्वथा नई तस्वीर सामने आएगी।
- इस मिशन में राज्य सरकारों की बड़ी भूमिका है। ग्राम समूहों के चयन से लेकर अपने हिस्से का धन मुहैया कराना तथा योजनाओं पर अमल की निगरानी करना उनके जिम्मे होगा। पहले से जारी अनेक सरकारी योजनाओं का उपयोग रर्बन समूहों को विकसित करने के लिए किया जाएगा।
- जाहिर है, इस मिशन की सफलता राज्यों के उत्साह व सक्रिय भागीदारी पर निर्भर है। उन्हें ही रर्बन समूहों के लिए एकीकृत कार्ययोजना तैयार करनी होगी, जिसमें रणनीति, संसाधनों की उपलब्धता और अपेक्षित नतीजों का उल्लेख भी होगा।
- राज्यों को मिली बड़ी भूमिका ही वो पहलू है, जिस पर केंद्र को अधिक ध्यान देना होगा। अकसर विभिन्न् राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकारें होती हैं, जिनकी प्राथमिकताओं में फर्क होता है। ऐसे कार्यक्रम जिनमें राज्यों की अधिक जिम्मेदारी व भूमिका होती है, उसमें समन्वय बनाना बड़ी समस्या होती है।
- डॉ. कलाम की 'पुरा" योजना की खूब तारीफ हुई थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। रर्बन मिशन की सफलता बहुत हद तक राजनितिक इच्छाशक्ति पर निर्भर करती है।

Comments