=> "स्मार्ट पुलिस और डिजिटल भारत: अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम"
- ई-कोर्ट के साथ सीसीटीएनएस, ई-जेल, फोरेंसिक औऱ अभियोजन- आपराधिक न्याय प्रणाली से लिंक किया जाना महत्वपूर्ण कदमI
- एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली को लागू करने का निर्णय।
**यह आपराधिक न्याय प्रणाली के विभिन्न स्तंभों के मध्य त्वरित डेटा हस्तांतरण सुनिश्चित करेगा जिससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि अभियोजन का समय भी कम हो जाएगा।
**यह परियोजना अब पूरी तरह से भारत सरकार के स्मार्ट पुलिसिंग और डिजिटल भारत की दृष्टि के अनुरूप है।
- इस सेवा के लागू होने से पुलिस-नागरिक इंटरफेस में बड़ा बदलाव आएगाI
- इस सेवा के लागू होने से पुलिस-नागरिक इंटरफेस में बड़ा बदलाव आएगाI
=>नागरिक सेवाएं:-
** इस परियोजना के कार्यान्वयन के साथ ही कई सेवाएं नागरिक पोर्टल के माध्यम से मिलने लगेंगी।
** इस परियोजना के कार्यान्वयन के साथ ही कई सेवाएं नागरिक पोर्टल के माध्यम से मिलने लगेंगी।
- सरकार ने आईसीजेएस( Integrated Criminal Justice System) के कार्यान्वयन सहित मार्च 2017 तक सीसीटीएनएस परियोजना को तेजी से पूरा करने और कार्यान्यवयन करने का फैसला किया है।
- परियोजना के प्रमुख अवयव के हिस्से के रूप में शामिल नए घटकों में एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली, नागरिक पोर्टल जिसमें विभिन्न ई-गवर्नेंस परियोजनाओं जैसे आधार कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, भूतल परिवहन मंत्रालय का वाहन परियोजना, राष्ट्रीय इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम आदि होंगे।
=> परियोजना के लाभ :-
१.- अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम परियोजना से पूरे देश में करीब 15000 पुलिस थाने, 5000 अन्य पर्यवेक्षी पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और प्रथम सूचना रिपोर्ट, जांच तथा चार्जशीट का डिजिटल डाटा एक दूसरे से जुड़ जाएंगे।
२. यह अपराध और अपराधियों के एक राष्ट्रीय डाटाबेस के विकास की तरफ एक कदम होगा।
१.- अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम परियोजना से पूरे देश में करीब 15000 पुलिस थाने, 5000 अन्य पर्यवेक्षी पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और प्रथम सूचना रिपोर्ट, जांच तथा चार्जशीट का डिजिटल डाटा एक दूसरे से जुड़ जाएंगे।
२. यह अपराध और अपराधियों के एक राष्ट्रीय डाटाबेस के विकास की तरफ एक कदम होगा।
३.- सभी नए घटकों के साथ इस परियोजना का पूरा कार्यान्वयन एक केंद्रीय नागरिक पोर्टल के रूप में सामने आएगा जो कि राज्य स्तरीय नागरिक पोर्टल्स के साथ जुड़ा रहेगा और कई एक नागरिक अनुकूल सेवाएं प्रदान करेगा।
४.- इन सेवाओं में विभिन्न उद्देश्यों के लिए पुलिस जांच जिसमें पासपोर्ट जांच, साईबर अपराध सहित किसी अपराध को दर्ज करना, किसी मामले की ऑनलाईन प्रगति देखना, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का ऑनलाइन रिपोर्टिंग, पीड़ित मुआवजा कोष तक पहुंच बनाने औऱ कानूनी सेवाएँ लेना शामिल है।
५- यह परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर अपराध के विश्लेषण के प्रकाशित होने की दर बढ़ा देगी जिससे नीति निर्माताओं के साथ ही सांसदों को उचित और समय पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
६.- इससे पूरे देश में किसी अपराधी के नाम को क्षेत्रीय भाषाओं में भी खोजने में मदद मिलेगी जिससे अंतर्राज्जीय स्तर पर अपराधियों के खोजबीन और ट्रैकिंग में मदद मिलेगी।
६.- इससे पूरे देश में किसी अपराधी के नाम को क्षेत्रीय भाषाओं में भी खोजने में मदद मिलेगी जिससे अंतर्राज्जीय स्तर पर अपराधियों के खोजबीन और ट्रैकिंग में मदद मिलेगी।
=>परिणाम:-
- पिछले एक साल में महत्वपूर्ण परिणाम हासिल किया गया है जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि देश में 11600 से अधिक पुलिस थानों में सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से 100 प्रतिशत एफआइआर लिखी जा रही है और पिछले अकेले एक वर्ष में सीसीटीएनएस के माध्यम से 26 लाख प्राथमिकियों को पंजीकृत किया गया है।
- पिछले एक साल में महत्वपूर्ण परिणाम हासिल किया गया है जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि देश में 11600 से अधिक पुलिस थानों में सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से 100 प्रतिशत एफआइआर लिखी जा रही है और पिछले अकेले एक वर्ष में सीसीटीएनएस के माध्यम से 26 लाख प्राथमिकियों को पंजीकृत किया गया है।
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